Operation Agyaat News

झंडे पर चाँद होना, चाँद पर झंडा होने में सिर्फ औकात की बात नहीं है देशभक्ति का भी फर्क है क्योकि जिनके झंडे में चाँद है उनके झंडे में के सैनिक और क्या आतंकवादी सब लपेटे जाते है और जिनक झंडा चाँद पर है उन झंडा सिर्फ देशभक्तों के लिए है पाकिस्तान के के झंडे में जब एक आतंकवादी का की तस्वीरे दिखायी डी तो हमको लगा की जन कोई मुल्क आतंकवादी को सैनिक की तरह कंधा दे उनके ताबूत पर राष्ट्रीय झंडा चढ़ा दे तो यह समझ लीजिये की वो देशा नहीं  वो आतंकी का अड्डा बन चूका है अब वह सैफुला हो या लश्कर ए तैबा के कोई जहरीले सांप बालाकोट में ढेर हुये आतंकवादी 

पाकिस्तान की असल सच्चाई 

जी हाँ पाकिस्तान में बिते  कुछ दिनों में जिस तरह से इन आतंकवादी को शहीद का दर्जा दिया है और जिस तरह इनके परिवार को मुवाजा दिया यह बता रहा है की पकिस्तान में आतंकवाद का खेल जो है खुलम खुला हो गे पकिस्तान उस जगह पर आ गया है की वह आतंक को वो अपना नेशनल पॉलिसी बनाकर घुमा रहा है मतलब आप खुद सोचिये के कोई देश अपने झंडे में आतंकवादी को लपेटेगा और और अगर ऐसा कोई देश कर रहा है उसका नैतिक पतन हो चूका है शायद इसलिय पाकिस्तान को सेना और आतंकवादी में की फर्क समझ नहीं आ रहा है पाकिस्तान में दोनों को शहीद का दर्जा दिया जाता है दोनों को मरने के बाद झंडा में लपेटा जाता है और दोनों को परिवार को मुवाजा दिया जाता है  यही है पाकिस्तान की सच्चाई

मतलब जिस देश में स्कूल उड़ाने वालो पर झंडा उड़ाया जाय वो इस्लाम जमीं नहीं हो सकती है पाकिस्तान अब आतंक की माँ बन चूका है क्यों उसने ओसामा को छुपाया , मसूद अजहर को पाला और सैफ्फुल्ला जैसे खूंखार दरिंदो को राष्ट्रीय सम्मान दिया ये मुल्क दुनिया का सबसे घुनौने ढोंग करता है की हम आतंकी के पीडीत है लेकिन अब पाकिस्तान से कोई शिकायत नहीं सवाल यह है की दुनिया यह कब दिखाई पड़ेगा कितने और खुनी जनाजे चाहिए 

कौन है सैफ्फुला ?

यह लश्कर ए तैबा के वो जहरीला सांप है जिसमे हिदुस्तान में आतंक का जल बिछाया था और पकिस्तान के लिए शहीद इसके अलावा या हिन्दुस्तान मे घोषित  किया आतंकवादी जैसे  राज्जाउल्लाह , निजामी , बिनोद kumar और मोह्हमद सलीम जैसे ISI का चहेता था यह सैफ्फुल्लाह नेपाल में इसने अपना आतंक का अड्डा बनाया था और वही से लश्कर ए तैबा के आतंकवादी को भर रहा था हाथियारो की तस्करी कर रहा था हिन्दुस्तान में तिन खुनी हमले किये ऑ इन हमलो में विज्ञान संस्थान प्रोफ़ेसर की मौत भी हुयी थी और पाकिस्तान उसको झंडे में लपेट के अपने देश भेज रहा है 

ऐतिहासिक घटना 

2006 में इस आतंकवादियों ने नागपुर के RSS मुख्यालय पर हमला किया था 2008 में CRPF कैम्प पर हमला किया था सात जवान शहीद हुए थे इसमें अब सवाल है की आखिर कोई देश ऐसे आतंकी को कैसे जह्न्दे में लेपेट सकता है हालांकि पाकिस्तान ने ऐसा किया है शायद हम ऐसे चीज़ पाकिस्तान से उम्मीद कर सकते है हालाँकि पहलगाम हमला के operation sindoor के तहत जैश के तमाम आतंकवादी ठिकानो और आतंकवादी को मारा था और ऐसा माना जा रहा की भारत ने अज्ञात operation भी कर रहा है इन्ही agyaat बन्दुक धारियों ने इस सैफ्फुल्लाह को मारा है इसका मतलब है की  operation agyaat अब  operation sindoor हिस्सा बन चूका है 

उसके बाद  पकिस्तान ने उन आतंकी सैफुल्लाह को झंडे में लपेट के आखिरी विदा किया लेकिन यह बात एक सवाल पैदा करती है क्या यह सैफुल्लाह कोई अच्छे काम करके मरा कोई देशभक्ति का काम करके मरा की उसको एक देशभक्त सैनिक की भांति झंडो में लपेटके विदा किया जा रहां है क्या पकिस्तान के झंडा को कोई महत्व ही नहीं है जहाँ सारा दुनिया जानती है सफुल्ला की काली सच फिर भी उसको एक देशभक्त की दर्जा दिया जा रहा  है जो अपने आप में एक सोचने वाली बात है | और यह सवाल उठ रहा है की क्या पकिस्तान आतंक को मंजूरी दे दी है क्या हम पकिस्तान को आतंकिस्तान कहे Operation Agyaat News

पाकिस्तान के नायक है सैफुल्लाह 

 सैफुल्ला जैसे हत्यारे को जो झंडे में लपेटा जा रहा है तो वो पाकिस्तान के नायक है क्योंकि नायकों को ही लपेटा जाता है। हिंदुस्तान में आपने कई आदमी को देखा है झंडा में लपेटा या तो कोई फौजी होता है उसे लपेटा आता है या कोई बहुत बड़ा आदमी जिसने समाज के लिए कुछ बहुत बड़ा काम किया उसे तिरंगे में लपेटते है  इनके यहां उनको वो लपेटा आता है कि हमने हिंदुस्तान में तीन बम फोड़े थे। हमने चार घुसपैठ की थी। हमने कारगिल में दो मुजाहदीन डाले थे।

 सैफुल्ला क्या लश्कर और आईएसआई के लोग थे?

हालांकि आईएसआई के बिना तो यहां कुछ होता ही नहीं है। इसी में एक चाचा हमारे इंडिया में पूछ ले कि भैया क्या पूरा पाकिस्तान है आतंकवादी है? उन्नहोंने बोला हीं पूरा पाकिस्तान तो नहीं लेकिन पाकिस्तान की सेना, सरकार और उसकी नीतियां आतंक की जरूर है। हम पाकिस्तान के आम लोगों को दोष नहीं देंगे। लेकिन ये भी सवाल जरूर पूछेंगे कि जब मस्जिदों से आतंकवादियों के लिए दुआएं मांगी जाती है, रैलियों में हाफिज सैद को गाजी कहकर नारे लगाए जाते हैं तब वहां के लोग जो खामोश हैं वो भी अपराधी।

मतलब उनके लोगों को भी सवाल पूछना चाहिए कि यार तुम्हारे मुल्क में ओसामा बिन लादेन मिला और वहीं वो रह रहा था मजे से रह रहा था। और ओसामा बिन लादेन की जो वेब सीरीज बनी है अभी उसमें दिखाया गया कि ओसामा ही नहीं उसके अलावा भी जितने उसके चंगू मंगू पंगू टंगू निंगू वो सब वहीं थे। अमेरिका ने एक-एक को वहीं जाके ठोका। वो सब पहले अफगानिस्तान में थे।

जब वहां पे अमेरिका ने ठोका तो भाग के छिपके पाकिस्तान में आ गए। और बिना पाकिस्तान की फौज के सपोर्ट के सरहद में घुसना पॉसिबल नहीं था। तो संरक्षण तो सबको दिया गया है और यह कोई संयोग नहीं है। क्लियर है पाकिस्तान की सुनियोजित आतंक नीति का समूह। कई बार पाकिस्तानी नागरिक आतंकवाद को लेकर कहते हैं की यार भारत पकिस्तान पर खामेशा शक करता है तो क्यों नहीं करे  और यह पहली बार नहीं मसूद अजहर को ₹14 करोड़ दे दिया।

आतंकियों को शहीद कह रहे हो। भारत में जो हमला करवाता है उसकी रैली में हजारों लोग जाकर भीड़ पर गाजी गाजी गाजी करते हो। अरे अपने झंडे की ना सही यार किसी भी मुल्क के झंडे की एक इज्जत होती है। आतंक का प्रतीक बना दियो और जनता चुप है। फिर कहते हो हिंदुस्तान कर रहा है। हालांकि पाकिस्तान से कोई उम्मीद नहीं हमको लेकिन दुनिया से सवाल है कि जब पाकिस्तान का आतंकवादी चेहरा बार-बार बेनकाब हुआ तो दुनिया क्यों चुप है? क्या सबूत चाहिए दुनिया?

ओसामा बिन लादेन की मौजूदगी। सैफुल्लाह के जनाजे पर झंडा मसूद अजहर को पहले करोड़ों की फंडिंग उसके लिए मस्जिद बनवाना फिर जब उसका परिवार और उसके आतंकवादी एक्सपोज हुए तब ₹1 करोड़ देना हाफिज सईद को पालना पोसना पाकिस्तान क्या चाहता है और दुनिया कब तक इसे स्ट्रेटेजिक अलायंस का नाम देगी कुछ करने जाओ तो चीन मसूद बचा लेता है यूएएससी में निंदा प्रस्ताव आता है।Operation Agyaat News

लेकिन हकीकत यह है कि पाकिस्तान एक न्यूक्लियर सशस्त्र आतंकवादी संगठन है जो अपने नागरिकों को जिहादी बनाता है और शवों को राष्ट्रीय गौरव उनके विदेश मंत्री का बयान आपको याद होगा कि पहली लाइन के फौजी खत्म हो गए तो फिर बच्चे जो हैं उन्हें आतंकवादी बनाएंगे। जिहाद करवाएंगे। मदरसा से बच्चे लाएंगे। यार यह पूरी सर्किल है दो फ्रंट पर एक फौजी वाली फ्रंट दूसरी मदरसे से बच्चा पिक करो उसका ब्रेन वाश करो उसे आतंकवादी बनाओ फिर वो भारत से लड़ेगा फिर भारत उसे ठोकेगा जब वो मर जाएगा तो झंडे में लपेटा जाएगा बड़े वाले आतंकवादियों को

उसके बाद उनके घर वालों को पैसा दे दिया जाएगा कुछ को हिंदुस्तान भेजा जाएगा कसाब को जैसे भेजे थे ये लोग और दुनिया इसको देख के एक्सेप्ट करती है लकिन अब जब पाकिस्तान ने खुलकर ये दिखा दिया कि शवों को झंडे में लपेटा  तो फिर दुनिया को क्या चाहिए? मतलब इसके बाद दुनिया क्या मांगती है? क्योंकि सबूतों की कोई कमी नहीं है। कमी इच्छाशक्ति की है। भारत इसे उजागर कर रहा है। पाकिस्तान बेशर्मी इसे एक्सेप्ट कर रहा है। उनके यहां क्या फर्क पड़ता है?

रक्षा मंत्री ने जाके कह दिया वहां CNN पे सोशल मीडिया सबूत। कुछ कह दे रहे क्या फर्क पड़ता उन्हें कुछ फर्क पड़ रहा है। फिर मैं कह रहा हूं जिस देश में स्कूल उड़ाने वालों को झंडा उड़ाया जाए वो इस्लाम की नहीं इंसानियत के श्मशान की जमीन है। पाकिस्तान अब सिर्फ एक पड़ोसी नहीं है। एक स्थाई खतरा है। भारत को संयम नहीं सतर्क रहकर सर्जिकल पॉलिसी अपनानी पड़ेगी।

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