Padma Bhushan
28 अप्रैल 2025 राष्ट्रपति भवन के गणतंत्र मंडप में एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें भारत की राष्ट्रपति, द्रोपदी मुर्मू, ने विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण योगदान देने वाले व्यक्तियों को पद्म पुरस्कार प्रदान किए, ये पुरस्कार तीन श्रेणियों में दिए जाते हैं – पद्म विभूषण, पद्म भूषण, और पद्मश्री, इस वर्ष 139 पद्म पुरस्कार प्रदान किए जाने का निर्णय लिया गया, जिसमें सात पद्म विभूषण, 19 पद्म भूषण और 113 पद्म श्री पुरस्कार शामिल हैं।
समारोह में विभिन्न क्षेत्र जैसे कला, समाज सेवा, विज्ञान, शिक्षा, और खेल के विशिष्ट व्यक्तियों को सम्मानित किया गया, जिनमें पुरुष और महिलाएं दोनों शामिल हैं। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री, उपराष्ट्रपति, और प्रधानमंत्री भी उपस्थित रहे। समारोह का एक महत्वपूर्ण भाग मरणोपरांत पुरस्कारों का वितरण रहा, जो उन व्यक्तियों को सम्मानित करता है जिन्होंने अपने जीवन में उल्लेखनीय योगदान दिया
मुख्य बिंदु
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू द्वारा पद्म पुरस्कारों का वितरण
- तीन श्रेणियों में पुरस्कार: पद्म विभूषण, पद्म भूषण, और पद्मश्री
- विभिन्न क्षेत्रों में distinguished personalities का सम्मान (कला, विज्ञान, खेल, आदि)
- इस वर्ष 139 पद्म पुरस्कारों का आवंटन
- परिवार भारत की विरासत और योगदान का प्रतीक
- संगीतकारों और कलाकारों का महत्वपूर्ण योगदान
- मरणोपरांत पुरस्कार विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रतिभा को मान्यता देते हैं।

महत्वपूर्ण जानकारियाँ
पद्म पुरस्कारों की परंपरा:- पद्म पुरस्कार हर वर्ष गणतंत्र दिवस पर घोषित किए जाते हैं और इनमें से प्रत्येक पुरस्कार का अपने स्तर पर एक विशेष महत्व है। पद्म विभूषण असाधारण सेवा के लिए, पद्म भूषण उच्च कोटि की सेवा के लिए, और पद्मश्री विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट सेवा के लिए प्रदान किया जाता है।
चिकित्सा और विज्ञान में योगदान:-समारोह में डॉ. दुबुर नागेश्वर रेड्डी जैसे चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञों का भी सम्मान किया गया, जिन्होंने गैस्ट्रोएंटरोलॉजी में महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। ऐसे वैज्ञानिकों और चिकित्सकों का योगदान समाज में अत्यधिक मूल्यवान है।
कला का सम्मान:- पद्म पुरस्कारों में कला के क्षेत्र में अलंकरण विशेष महत्व रखता है। डॉ. एल सुब्रमण्यम जैसे कलाकारों को प्राप्त पुरस्कार इसका प्रमाण हैं। कला न केवल सांस्कृतिक उत्थान का साधन है बल्कि यह राष्ट्रीय पहचान का भी हिस्सा है।
विदेश में बसे भारतीयों का योगदान:- इस वर्ष कुछ एनआरआई और विदेशी व्यक्ति भी इस पुरस्कार के लिए चयनित हुए हैं, जो भारत की प्रगति में योगदान दे रहे हैं। इससे यह स्थापित होता है कि भारतीय उपादान अब केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विश्वभर में फैल चुके हैं।
पुरस्कारों की संख्या: – इस वर्ष कुल 139 पद्म पुरस्कार प्रदान किए गए, जिसमें 23 पुरस्कार महिलाओं को दिए गए हैं। यह हमारे समाज में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।

मरणोपरांत पुरस्कार:- कई व्यक्तियों को मरणोपरांत पद्म पुरस्कार दिए गए हैं, जो उनके निधन के बाद भी उनकी उपलब्धियों और योगदान को मान्यता देते हैं। इस संदर्भ में ओसामु सुजुकी और अन्य की चर्चा महत्वपूर्ण है, जिन्होंने अपने जीवन में उल्लेखनीय योगदान दिया
समारोह का आयोजन:- इस समारोह में केंद्रीय मंत्रियों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति यह बताती है कि पद्म पुरस्कारों का यह अलंकरण कितना महत्वपूर्ण है। समारोह का संचालन भव्यता और गरिमा के साथ किया गया, जिसमें परिजनों और प्रशंसकों का जुड़ाव भी देखा गया
इस पूरे समारोह का आयोजन भारत के लिए गर्व और आनंद का विषय रहा, और यह उन सभी व्यक्तियों को सम्मानित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर था जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में अपने उत्कृष्ट कार्य से देश का नाम रोशन किया है। इसे राज्य और समाज की व्यापकता में एक महत्वपूर्ण क्षण माना जा सकता है, जो न केवल पुरस्कार पाने वालों के लिए, बल्कि उन सभी के लिए प्रेरणा स्रोत है जो अपने क्षेत्र में उत्कृष्टता की ओर अग्रसर हैं।
इस प्रकार, यह समारोह न केवल सम्मान का प्रतीक था, बल्कि एकता और विविधता का भी प्रतीक था, जिसमें भारत की विविध सांस्कृतिक धरोहर को मनाया गया
पूर्व सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन के प्रमुख ओसामु सुजुकी, प्रसिद्ध गायक पंकज उधास, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, फिल्म निर्देशक शेखर कपूर और तमिल दैनिक दिनमलर के प्रकाशक लक्ष्मिपति रामसुब्बैयेर सहित कई प्रमुख हस्तियों को सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया

पद्म पुरस्कार 2025 की पूर्ण सूची
राष्ट्रपति मुर्मू ने उन 139 व्यक्तित्वों में से 71 को पद्म पुरस्कारों – पद्म विभूषण, पद्म भुषण और पद्म श्री से सम्मानित किया, जिनकी घोषणा इस वर्ष जनवरी में 76वें गणतंत्र दिवस के मौके पर की गई थी। पुरस्कार समारोह सोमवार को राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में आयोजित किया गया, जिसमें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह सहित अन्य प्रमुख नेता उपस्थित थे।
इन पुरस्कारों में से चार व्यक्तित्वों को पद्म विभूषण, देश का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान, से नवाजा गया, सुजुकी और मलयालम लेखक और फिल्म निर्देशक म.ट. वासुदेवन नायर को मरणोपरांत यह पुरस्कार प्रदान किया गया, जबकि एशियाई गैस्ट्रोएंटरोलॉजी संस्थान और एआईजी अस्पतालों के अध्यक्ष डॉ. नागेश्वर रेड्डी, वायलिन वादक लक्ष्मीनारायण सुब्रमण्यम ने यह पुरस्कार व्यक्तिगत रूप से प्राप्त किया।
प्रख्यात अभिनेता शेखर कपूर, तेलुगू अभिनेता नंदामुरी बालकृष्ण, पंकज उधास (मरणोपरांत), सुशील कुमार मोदी (मरणोपरांत), पूर्व हॉकी खिलाड़ी पी.आर. श्रीजेश, तमिल अभिनेता एस. अजित कुमार, ज़ायडस लाइफसाइंसेस की चेयरपर्सन पंकज पटेल और विनोद धाम, जो भारतीय-अमेरिकी इंजीनियर हैं और ‘पेंटियम का पिता’ के रूप में प्रसिद्ध हैं, उन 10 प्रमुख व्यक्तित्वों में से हैं जिन्हें पद्म भुषण से सम्मानित किया गया
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