vizhinjam port kerala (विझीन जाम पोर्ट)
प्रमुख बिंदु
- भारत का पहला ट्रांसशिप पोर्ट, विज़न जाम पोर्ट, तिरुवनंतपुरम में खोला गया
- लगभग 9000 करोड़ रुपये की लागत से विकसित, यह अदानी समूह और केरल सरकार द्वारा बनाया गया है।
- इस पोर्ट की प्राकृतिक गहराई 24 मीटर है, जो इसे अन्य पोर्ट की तुलना में अद्वितीय बनाती है।
- यह अंतर्राष्ट्रीय पूर्व-पश्चिम शिपिंग कॉरिडोर से नजदीक है, जिससे सामान की आसानी से डिलीवरी होगी
- पोर्ट के निर्माण से कई रोजगार के अवसर पैदा होंगे, साथ ही कई आर्थिक गतिविधियाँ शुरू होंगी
- यह पोर्ट भारत को समुद्री सुरक्षा और निगरानी में सुधार करने की क्षमता देगा।
- पर्यावरण अनुकूल डिज़ाइन के साथ, इसका निर्माण न्यूनतम ड्रेजिंग के साथ किया गया है।
क्यों ज्यादा खबर में है यह पोर्ट
भारत में एक महत्वपूर्ण विकास हुआ है, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोच्चि के निकट तिरुवनंतपुरम में ‘विझीन जाम पोर्ट‘ का उद्घाटन किया है। लगभग 7800 किलोमीटर लंबी कोस्टलाइन के बावजूद, भारत के पास पहले ट्रांसशिपमेंट के लिए कोई प्रमुख पोर्ट नहीं था। इस नए पोर्ट का निर्माण Adani Group और केरला सरकार के सहयोग से पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) के आधार पर हुआ है, जिसकी लागत करीब 9000 करोड़ रुपये है। यह भारत का पहला फुल फ्लेज ट्रांसशिप पोर्ट है, जो अंतर्राष्ट्रीय पूर्व-पश्चिम शिपिंग कॉरिडोर से केवल 10 नॉटिकल मील की दूरी पर स्थित है।
विझीन जाम पोर्ट की खासियत यह है कि इसमें 24 मीटर प्राकृतिक गहराई है, जो इसे आस-पास के अन्य पोर्ट की तुलना में अधिक सक्षम बनाती है। इसका उद्घाटन भारत में आर्थिक और सामरिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा इसके साथ, भारत का लगभग 75% ट्रांसशिप्ड कार्गो अब विदेशी बंदरगाहों पर नहीं जाएगा, जिससे देश को विदेशी मुद्रा में बचत होगी। इसके अलावा, यह पोर्ट ना केवल रोजगार सृजन करेगा, बल्कि भारत की समुद्री निगरानी क्षमता को भी बढ़ाएगा और राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा।
विझीन जाम पोर्ट की विशेषता
आर्थिक प्रगति: विझीन जाम पोर्ट भारत की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा यह विदेशी मुद्रा की बचत करेगा क्योंकि वाले कार्गो अब सीधे भारत में उतरेंगे, जिससे देश का व्यापार संतुलन सुधरेगा। पहले, 75% ट्रांसशिप्ड कार्गो विदेशों के पोर्ट पर जाकर भारत आता था, जिससे उच्च लागत आती थी।
रोजगार सृजन: इस नए पोर्ट के निर्माण से स्थानीय स्तर पर वेरहाउसिंग, शिप रिपेयर, और परिवहन जैसी अनेक गतिविधियां शुरू होंगी, जिससे विशाल संख्या में रोजगार के अवसर प्रदान होंगे। यह ना सिर्फ निर्माण कार्य में, बल्कि वहां के वाणिज्यिक और औद्योगिक गतिविधियों में भी योगदान देगा।
सामरिक महत्व: विझीन जाम पोर्ट, भारत की समुद्री सुरक्षा को मजबूत करेगा, यह चीन के बढ़ते प्रभाव के मुकाबले में भारतीय समुद्री दृष्टिकोण को सुदृढ़ करने का कार्य करेगा। भारत की सागर डॉक्ट्रिन के अंतर्गत, यह एक प्रमुख टाईप की रणनीति बनाता है, जो क्षेत्र में सुरक्षा और विकास का आश्वासन देता है।
समुद्री परिवहन में आसानी:नए पोर्ट का उद्घाटन समुद्री परिवहन में न केवल तेजी लाएगा, बल्कि लागत को भी कम करेगा। यह प्रभावी रूप से आपूर्ति श्रृंखला को सुव्यवस्थित करेगा और विभिन्न देशों के सामान को बिना अडचनों के पहुंचाए जाने की क्षमता को बढ़ाएगा
इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास:भारत में विझीन जाम पोर्टके उद्घाटन से, देश का इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास और भी तेज होगा। यह राष्ट्रीय राजमार्ग 66 और भारतीय रेल के साथ सीधे जुड़ा है, जो सभी प्रकार के परिवहन को आसान बनाएगा।
समुद्री व्यापार का प्रवर्तन: विझीन जाम पोर्ट, वैश्विक शिपिंग लाइनों में रुचि को आकर्षित करेगा। बड़ी समुद्री कंपनियां अपना आधार यहां स्थापित करने के लिए प्रेरित होंगी, जिससे भारत में वैश्विक व्यापार में संलग्न होने के अवसर बढ़ेंगे।
पर्यावरणीय मुद्दे: जबकि विज़न जाम पोर्ट को प्राकृतिक गहराई के साथ डिज़ाइन किया गया है, परंतु स्थानीय मछुआरों के साथ कुछ विवाद उत्पन्न हो रहे हैं। केरला सरकार ने उनके लिए पुनर्वास योजनाएं तैयार की हैं, जो उनकी आजीविका की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण होंगी।
इसप्रकार विझीन जाम पोर्ट का उद्घाटन भारत के लिए एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल अर्थव्यवस्था और संगठित रोजगार निर्माण में महत्वपूर्ण साबित होगा, बल्कि सुरक्षा, समुद्री परिवहन, और पर्यावरण के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। यह विकास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विकासशील भारत की दिशा में एक और कदम है।